एसडीएम शंकर लाल सिन्हा के सूझ बुझ से विश्रामपुरी के मारंगपुरी में धर्मांतरण को लेकर तनाव की स्थति को सुलझाने में कामयाब

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बाहरी व्यक्तियों को गाँव में घुसने का अनुमति नही व चर्च पर रोक लगा 

केशकाल – विकासखंड विश्रामपुरी अंतर्गत ग्राम मारंगपुरी में ग्रामीणों ने बैठक कर गांव में हो रहे चर्च निर्माण के कार्य पर आक्रोश व्यक्त किया था। ग्रामीणों ने कहा कि जब गांव में कोई मूल ईसाई नहीं है तो यहां चर्च बनाने का क्या औचित्य है। इसके अलावा विशेष समुदाय के लोग जो यहां गोपनीय तरीके से धर्म प्रचार करते हैं तथा आदिवासियों को प्रलोभन देकर धर्म विशेष में शामिल करते हैं। इसे रोकने के लिए ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित किया जाएगा। इसके लिए गांव में सर्वसमाज के  लोगों की बैठक हुई जिसमें बड़ी संख्या में पुरुष महिलाएं सभी शामिल हुए तत्पश्चात ग्रामीणों का एक दल जिला मुख्यालय जाकर कलेक्टर से मुलाकात किया और उन्हें वस्तु स्थिति से अवगत कराया गया। ग्रामीणों ने बताया कि एक धर्मांतरित व्यक्ति के घर में कुछ बाहरी लोगों के सहयोग से चर्च का निर्माण किया जा रहा है जिससे ग्रामीणों की असहमति है। चर्च निर्माण में ग्राम पंचायत एवं ग्राम सभा का अनुमति भी नहीं लिया गया है जबकि ग्राम सभा की अनुमति अनिवार्य था। ग्रामीणों का आरोप है कि चर्च का निर्माण करने से पहले किसी भी ग्रामीण को पता नहीं था ग्रामीणों से इस बात को छुपाया गया कि यहां चर्च निर्माण किया जा रहा है। जो निर्माण कार्य चल रहा था उसे पौधे रखने के लिए गोदाम का निर्माण बताया गया था तभी अचानक धर्मांतरित लोगों ने क्रिसमस डे पर यहां चर्च के उद्घाटन करने की बात कही जिससे ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया कि उनके ही परिवार के कुछ लोगों को बरगला कर बाहर से दखलअंदाजी करते हुए कुछ लोग गांव में चर्च का उद्घाटन कर रहे हैं। जिसके लिए गांव में लगातार बैठक हुई। कलेक्टर को आवेदन देने के पश्चात एसडीएम एवं स्थानीय पुलिस के द्वारा पुलिस चौकी बांसकोट में बैठक किया गया जिसमें दोनों पक्षों को बुलाकर समझाइश दी गई कि किसी भी तरह एक दूसरे के कार्यक्रम में व्यवधान उत्पन्न न किया जाए साथ ही अपने-अपने त्योहारों को शांतिपूर्ण तरीके से मनाएं तथा आपस में विवाद एवं झगड़ा न करें गांव में अब कोई भी बाहरी व्यक्ति आकर धर्म प्रचार नहीं करेगा तथा आदिवासियों को किसी भी तरह से बरगलाने की कोशिश नहीं की जाएगी प्रशासन के इस समझाइश देने के बाद गांव में सहमति बनी जिससे ग्रामीणों में आक्रोश कम हुआ तथा शांति की स्थिति बन पाई। दोनों पक्षों को बुलाकर बैठक लिया गया है तथा किसी भी प्रकार से बेवजह लड़ाई झगड़ा नहीं करने की समझाइश दी गई है तथा ग्रामीणों ने भी कहा कि गांव में किसी भी विवादित व्यक्ति को प्रवेश कर धर्म प्रचार करने नहीं दिया जाएगा इस पर सहमति बनने के बाद माहौल शांतिपूर्ण है।

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