प्रदेश में धान खरीदी नये रिकार्ड की ओर-कांग्रेस

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*भरपूर कीमत पूरी खरीदी भूपेश सरकार का लक्ष्य*

*भाजपा 15 साल में जितना धान नहीं खरीदती भूपेश सरकार ने 1 माह पहले ही उतना खरीद चुके है-कांग्रेस*

रायपुर/31 दिसंबर 2022। राज्य में इस वर्ष भी धान खरीदी ऐतिहासिक लक्ष्य की ओर अग्रसर है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इस वर्ष कांग्रेस सरकार ने 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया है। दो महीने में सरकार ने 19 लाख किसानों से 79 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी कर लिया है। अभी धान खरीदी की अंतिम तिथि को एक महिने बचा है। इस वर्ष सरकार तीन महिने तक धान खरीदी करेगी जो 31 जनवरी तक चलेगा।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि धान खरीदी केन्द्रों पर किसान अपने धान को सुगमता से बेच सके इसके लिये तमाम सुविधायें सरकार ने उपलब्ध कराया है। साथ ही बारदाने की उपलब्धता और टोकन की व्यवस्था को दुरुस्त रखा गया है। धान खरीदी को लेकर हमेशा अनर्गल आरोप लगाने वाली भाजपा की बोलती भी बंद है। धान खरीदी जिस रफ्तार से हो रही पूरा भरोसा है। इस वर्ष कांग्रेस सरकार धान खरीदी का अपना पुराना रिकार्ड तोड़ देगी तथा अंतिम तिथि तक 26 लाख से अधिक किसान 110 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो जायेगी।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इस साल राज्य में 25.92 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है, जिसमें लगभग 2.26 लाख नये किसान शामिल है। राज्य में धान खरीदी के लिए 2600 उपार्जन केंद्र बनाए गए है। सामान्य धान 2040 रूपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड-ए धान 2060 रू. प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है तथा राजीव गांधी किसान न्याय योजना की 9000 इनपुट सब्सिडी को जोड़ने पर किसानों को 2640 रू. कीमत मिलेगी जो कांग्रेस के 2018 के चुनावी घोषणा से भी 140 रू. ज्यादा है। 15 साल भाजपा के वायदा खिलाफी के बाद भूपेश बघेल की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ का किसान खुशहाल हुआ है और खेती लाभ का व्यवसाय बना है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के राज में किसानों से धोखा होता था। रमन सिंह ने अपने तीनों कार्यकाल के 15 सालों में 6 साल तक किसानों को बोनस नहीं दिया था। रमन सिंह और भाजपा को अपने वायदा खिलाफी के लिये किसानों से माफी मांगना चाहिए। 2100 रू. समर्थन मूल्य की वायदा खिलाफी के लिये भी रमन और भाजपा को किसानों से माफी मांगनी चाहिए।

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