आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने अमृत 2.0 के अंतर्गत मैदानी स्तर पर पेयजल सर्वेक्षण आरंभ किया

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नई दिल्ली(IMNB).

  • आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने नौ सितंबर, 2022 को अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) 2.0 के तहत पेयजल सर्वेक्षण का शुभारंभ किया था।
  • यह शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देते हुये अमृत मिशन के लिये निगरानी प्रारूप तथा उत्प्रेरक के रूप में सहायक होगा।
  • मंत्रालय ने 15 सितंबर, 2022 से मैदानी सर्वेक्षण की शुरूआत कर दी है।
  • जल सुविधा सेवाओं, इस्तेमालशुदा जल सुविधा सेवाओं, जल स्रोतों, उपभोक्ता तक पहुंचने के पहले ही बेकार चले जाने वाले पानी के अनुमान, उत्कृष्ट व्यवहारों और नवाचारों पर विशेष ध्यान।
  • सर्वेक्षण के परिणाम में शहरी स्थानीय निकायों में जल सुरक्षा की स्थिति का पता चलेगा और इससे सतत विकास लक्ष्य–6 को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने 15 दिसंबर, 2022 से पेयजल सर्वेक्षण की शुरूआत कर दी है। आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने नौ सितंबर, 2022 को अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) 2.0 के तहत पेयजल सर्वेक्षण का शुभारंभ किया था, ताकि 500 (विलय के बाद 485) अमृत शहरों में जलस्रोतों के संरक्षण तथा इस्तेमालशुदा पानी को दोबारा इस्तेमाल करने व उसे री-साइकिल करने, सीवर और गदले पानी के प्रबंधन, जलापूर्ति के दायरे तथा पानी की गुणवत्ता व मात्रा के बारे में प्रदान की जाने वाली सेवाओं का मूल्यांकन किया जा सके। यह शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देते हुये अमृत मिशन के लिये निगरानी प्रारूप तथा उत्प्रेरक के रूप में सहायक होगा। मंत्रालय ने तीसरी पक्षकार एजेंसी, आईपीएसओएस को सर्वेक्षण करने का जिम्मा दिया है।

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने सभी प्रतिभागी शहरी स्थानीय निकायों के लिये पेयजल सर्वेक्षण टूल-किट व वेब पोर्टल के बारे में क्षमता निर्माण कार्यशालाओं का आयोजन किया। जल सुविधा सेवाओं, इस्तेमालशुदा जल सुविधा सेवाओं, जल स्रोतों, उपभोक्ता तक पहुंचने के पहले ही बेकार चले जाने वाले पानी के अनुमान, उत्कृष्ट व्यवहारों और नवाचारों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रक्रिया इस प्रकार हैः

  1. सेवा स्तरों का आत्म-मूल्यांकनः शहरी स्थानीय निकाय ऑनलाइन पोर्टल पर दिये गये मानकों के अनुसार आत्म-मूल्यांकन करेंगे (https://peyjal-india.org/)
  2. प्रत्यक्ष अवलोकनः मूल्यांकन-कर्ता शहरी स्थानीय निकायों में जाकर जल उपचार संयंत्रों, सीवर उपचार संयंत्रों/मलयुक्त गाद प्रबंधन संयंत्रों, जलस्रोतों आदि का सर्वेक्षण करेंगे तथा परीक्षण के लिये पानी के नमूने जमा करेंगे तथा फोटो खींचकर प्रमाण लेंगे।
  3. नागरिकों से फीडबैकः मूल्यांकन-कर्ता शहर के सभी हिस्सों से नागरिकों से फीडबैक लेंगे, ताकि शहरी स्थानीय निकायों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं से संतुष्टि के स्तर का आकलन किया जा सके।

सर्वेक्षण के तहत घरों में नल से जल और सीवर कनेक्शन, नागरिकों को आपूर्ति किये जाने वाले पानी की गुणवत्ता व मात्रा, शिकायतों के निस्तारण के प्रावधान, जलस्रोतों की स्थिति तथा अन्य मानकों का जायजा लिया जायेगा। सर्वेक्षण में शहरी स्थानीय निकायों की आय की स्थिति तथा जल व सीवर सेवाओं में किये जाने वाले खर्च को भी देखा जायेगा। नागरिकों को दृष्टिगत रखते हुये सर्वेक्षण को शामिल करते हुये नागरिकों द्वारा संचालित दायित्व प्रणाली बनाई जायेगी।

शहरों को अंक दिये जायेंगे और शहर-जल रिपोर्ट कार्ड बनाया जायेगा। इसमें हर शहर के जल-स्वास्थ्य को दर्शाया जायेगा। सर्वेक्षण के परिणाम में शहरी स्थानीय निकायों में जल सुरक्षा की स्थिति का पता चलेगा और इससे सतत विकास लक्ष्य–6 को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।

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