पश्चिम बस्तर में हिंसा, दहशत और तनाव के स्थान पर शांति की बयार विश्वास की बहाली, बच्चों की भविष्य गढऩे का मार्ग हुआ प्रशस्त   (राजीव शर्मा)

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जगदलपुर। दक्षिण बस्तर के बीजापुर जिले  क्षेत्र  अंतर्गत वनवासी एक दशक से भी अधिक समय तक आतंक के साये में जीने को मजबूर रहे हों उन्हें अगर कभी उस दायरे से बाहर आने और खुली हवा में सांस लेने का मौका मिल जाय तो वो उनके लिए कितना सुकून भरा हो सकता है उसे तो कोई भुक्तभोगी ही बयां कर सकता है। उस पर अगर ये आजादी सुनहरे भविष्य के संकेत लेकर आए तो उससे बड़ी खुशी और राह्त की बात और क्या हो सकती है।
राजीव शर्मा ने बताया कि 17 वर्षो के लंबे काल के बाद बीजापुर जिले के पेदाकोरमा और मुरमा ग्राम पंचायत में आज जो नया सबेरा हुआ है वह छत्तीसगढ़ सरकार की किसी विशाल उपलब्धि से कम नही है। कई वर्षों तक यहां माओवादी कहर और सल्वा जुडूम अभियान ने सारी व्यवस्था ठप्प कर दी थी। लोगों के समक्ष न कोई आशा थी और न सपना। भविष्य के नाम पर अंधेरे के अलावा कुछ भी नही था लेकिन हर्ष का विषय यह है कि छत्तीसगढ़ सरकार की पहल से आज वहां एक नए सूर्य का उदय हुआ। सरकार इन गांवों की तस्वीर बदलने में जुटी है। हिंसा, दहशत और तनाव के स्थान पर शांति का बयार क्षेत्र में सुकून और उत्साह का माहौल तैयार कर सके उसकी कोशिश में जुटी है और इसकी शुरुआत की जा रही है गांव के बच्चों का भविष्य गढऩे गांव में स्कूल खोलने के व्दारा। गांव में पूर्व में खोले गए स्कूल तो माओवादी हिंसा के चलते मलवे में तब्दील हो चुके थे लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की शांति और विश्वास बहाली की मुहिम ने ग्रामवासियों को अपने बच्चों का भविष्य गढऩे की दिशा में इतना उत्साहित किया कि उन्होंने अपने घरों के कमरे स्कूल के लिए देकर अपने बच्चों का भविष्य गढऩे का मार्ग प्रशस्त कर दिया।

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