*मुख्य सचिव ने की समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की समीक्षा*

Estimated read time 1 min read

 

रायपुर, 06 दिसम्बर 2022/ मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि वे अपने जिले के मिलर्स की बैठक लेकर उपार्जन केन्द्रों से धान उठाव और भारतीय खाद्य निगम और नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा करने की लगातार मॉनिटरिंग करें। उन्होंने नए धान खरीदी केन्द्रों में धान उपार्जन की व्यवस्था की भी मैदानी अमलों के जरिए लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव आज यहां मंत्रालय महानदी भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य में खरीफ वर्ष 2022-23 में धान खरीदी के संबंध में कमिश्नर और कलेक्टरों की बैठक में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्य सचिव ने किसान पंजीयन, गिरदावरी की शुद्धता एवं शिकायतों का निराकरण, समिति स्तर पर नए एवं पुराने बारदाने की व्यवस्था और समर्थन मूल्य में धान खरीदी के एवज में किसानों को निर्धारित समयावधि में राशि भुगतान की भी जानकारी ली। उन्होंने बैठक में सहकारी समिति स्तर पर धान की सुरक्षा एवं रखरखाव और सीमावर्ती जिलों में अन्य राज्यों एवं कोचियों-बिचौलियों द्वारा अवैध धान विक्रय पर नियंत्रण, समितियों से मिलर्स द्वारा धान उठाव और मिलर्स द्वारा भारतीय खाद्य निगम और नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा की समीक्षा की। बैठक में कृषि विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, खाद्य विभाग के सचिव श्री टोपेश्वर वर्मा, राजस्व सचिव श्री एन.एन.एक्का, नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक श्री निरंजनदास सहित मार्कफेड, सहकारिता और अपेक्स बैंक के अधिकारी शामिल हुए।

कलेक्टरों ने बैठक में बताया कि राज्य शासन द्वारा बनाए गए नये धान खरीदी केन्द्रों में वहां के क्षेत्रीय किसानों में प्रसन्नता है। किसानों को नए धान खरीदी के बन जाने से काफी सुविधा हुई है। अब उन्हें अपने नजदीक में ही धान बेचने की सुविधा हो गई है। इसी तरह से राज्य के विभिन्न जिलों में वनाधिकार मान्यता पत्र धारक किसानों को भी समर्थन मूल्य पर धान बेचने का मौका मिला है, जिससे उन्हें फायदा हो रहा है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य में धान खरीदी का महाभियान एक नवम्बर से प्रारंभ हुआ है। धान खरीदी का कार्य 31 जनवरी 2023 तक चलेगा। इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानों से 110 लाख मेट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य है। धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव लगातार किया जा रहा है।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours