बस्तर के उत्पादों को बढ़ावा देने कृषि महाविद्यालय में आयोजित हुई बायर-सेलर मीट

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बस्तर के स्थानीय उत्पादों को मिलेगा उद्योगों का स्वरूप, कृषि महाविद्यालय में आयोजित हुई संभाग स्तरीय कार्यशाला


जगदलपुर, 10 नवंबर 2022/ कृषि महाविद्यालय जगदलपुर में संभाग स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। वाणिज्य एवं उद्योग विभाग छत्तीसगढ़ शासन के तत्वाधान में एक दिवसीय स्टार्टअप बायर-सेलर मीट में बस्तर संभाग के सभी जिलों से आए छोटे-बड़े उद्यमियों ने हिस्सा लिया। इस स्टार्टअप मीट का उद्देश्य स्थानीय स्तर के उत्पादों को बेहतर बाजार देने के लिए क्रेता और विक्रेता के लिए ब्रिज तैयार करना। ताकि लोकल व्यवसायी अपने उत्पाद का सही मूल्य प्राप्त कर सकें और बिचौलियों के चंगुल से उन्हें मुक्ति मिले।
मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा ने बस्तर में शांति, विकास, सुरक्षा का नारा दिया। उन्होंने कांकेर जिले के कोदो-कुटकी प्रसंस्करण की बात करते हुए कहा कि आज कोदो-कुटकी के समर्थन मूल्य के रूप में 3-3 हजार रुपए किसानों को मिल रहे हैं। वहीं रागी 33 सौ रूपए में खरीदी जा रही है। इसके अलावा महुआ का अच्छा दर वनवासियों को दिया जा रहा है। तेंदूपत्ता के लिए 4 हजार रुपए मिल रहे हैं साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आज दंतेवाड़ा के डीनेक्स्ट के कपड़ों को विदेशों तक बेचा जा रहा है। दरभा में कॉफी और पपीता की खेती की जा रही है। लोगों को स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त होने का मौका मिला है। वहीं उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद छोटे आदिवासी उद्यमियों और किसानों से यह भी कहा कि वे स्वरोजगार और अपने उत्पादों के लिए उद्यम लेकर आएं। सरकार उन्हें 1 रुपए में प्रति एकड़ जमीन देगी। मुख्यमंत्री की मंशा है कि छोटे उद्योग आगे बढ़े और राज्य व देश को आर्थिक सुदृढ़ता प्रदान करने में अपनी भूमिका निभाएं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बस्तर के विधायक श्री लखेश्वर बघेल ने बस्तर के संसाधनों के बारे में बात करते हुए कहा कि, बस्तर में संसाधनों की कमी नहीं है। इन संसाधनों के उपयोग के लिए उद्योगों की स्थापना होनी चाहिए। हमारे संसाधनों के संरक्षण के साथ-साथ इनसे संबंधित उद्योगों को स्थापित करने की आवश्यक्ता है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे संसदीय सचिव श्री रेखचंद जैन ने कहा कि छत्तीसगढ़ वासियों के सुंदर और सुखद भविष्य के लिए अपनी सरकार बनाई। सुदूर ग्रामीण अंचलों के उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए योजना लाई है। बस्तर के उद्योगों में इनवेस्ट करने वाले उद्यमियों को 150 फीसदी तक की अनुदान दी जाएगी। खनिज और उद्यानिकी फसलों का अच्छा मूल्य मिले इस दिशा में हम कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने गोठानों को ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया है। जहां स्वसहायता समूह की महिलाएं कार्य कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। इन उत्पादों को बेचने के लिए सी मार्ट बनाया गया है। हमारे युवाओं को स्वरोजगार के माध्यम से उद्यमी बनाने के लिए थिंक बी की स्थापना की गई है। सामान बनाने और बेचने वाले के बीच अच्छा सामंजस्य बनें और उन्हें बिचैलियों से मुक्ति मिले। आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की पूरे देश में प्रशंसा हो रही है।
कार्यक्रम में अतिथि के रूप में पहुंचे अंतागढ़ विधायक श्री अनुप नाग ने कहा कि- बस्तर के उत्पादों को बाहर ले जाने के साथ ही बस्तर के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने छोटे-छोटे उद्योग लगाने चाहिए। उन्होंने बताया कि अंतागढ़ क्षेत्र में मक्का भारी मात्रा में उगाए जाते हैं। ऐसे में अंतागढ़ मक्का प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जानी चाहिए। इसके लिए उद्यमियों को जमीन और संसाधन की आपूर्ति की जाएगी।
इंद्रावती विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री राजीव शर्मा ने कहा कि बस्तर संभावनाओं का क्षेत्र है।  यहां होने वाले उत्पाद से स्थानीय लोगों को फायदा मिलेगी। छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर के लोगों के विकास के लिए काफी काम किया है। अब उद्योगों के विकास ये बताते हैं कि हम वाकई आगे बढ़ रहे हैं। एक दिवसीय इस संभाग स्तरीय कार्यशाला में बस्तर के सभी जिलों से छोटे उद्यमी और स्थानीय क्रेता-विक्रेता शामिल हुए।

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