*छत्तीसगढ़ के रग-रग में रचा-बसा सांस्कृतिक विविधता का रंग: स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. टेकाम*

Estimated read time 1 min read

 

*आत्मानंद स्कूलों के राज्य स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का रंगारंग उद्घाटन*

रायपुर, 09 नवम्बर 2022/ स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम स्वामी आत्मानंद योजनांतर्गत संचालित स्कूलों के दो दिवसीय राज्य स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आज राजधानी रायपुर स्थित प्रणवानंद अकादमी के सभागार में रंगारंग उद्घाटन किया। राज्य स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में 321 विद्यार्थी भाग ले रहें हैं। इनमें रायपुर संभाग से 88 विद्यार्थी, बस्तर संभाग से 61, सरगुजा संभाग से 77, बिलासपुर संभाग से 50, दुर्ग संभाग से 45 विद्यार्थी शामिल हैं। साथ ही 30 शिक्षक भी इन बच्चों के मार्गदर्शक के रूप में शामिल हुए हैं। प्रतिभागी बच्चों को नाटक, एकल नृत्य, समूह नृत्य, एकल व समूह गायन, वादन कला में अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का मौका मिलेगा।

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. टेकाम ने उद्घाटन सत्र में कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ के रग-रग में सांस्कृतिक विविधता के रंग रचे-बसे है। सुकमा से सूरजपुर तक भाषा, वेशभूषा और रीति-रिवाज की एक सुनहरी कड़ी की हम छत्तीसगढ़िया ही नहीं वरन् देश-दुनिया के लिए एक अनुपम उदाहरण है। उन्होंने कहा कि अभी हॉल ही में राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आदिवासी महोत्सव में 28 राज्य एवं 10 देशों के संस्कृतियों के आदान-प्रदान का साक्षात्कार सभी ने किया।

डॉ. टेकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति अपनी जड़ों से जुड़कर विकास एवं सामाजिक न्याय का मार्ग प्रशस्त करती है। यह सब तभी हो सकता है, जब बच्चों को उचित अवसर एवं मंच दिया जाए। इसी कड़ी में स्वामी आत्मानंद योजना के अंतर्गत प्रदेश में संचालित 279 अंग्रेजी एवं हिन्दी माध्यम स्कूलों के विद्यार्थियों की स्कूल स्तर से राज्य स्तर तक सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से उनके भीतर की कला को विकसित एवं प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि इस दो दिवसीय आयोजन में प्रतिभागी बच्चे एवं शिक्षक राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के रहन-सहन, खान-पान, भाषा-बोली का भी आदान-प्रदान करेंगे।

डॉ. टेकाम ने कहा कि यह आयोजन केवल प्रतियोगिता ही नहीं, वरन् समाज को जोड़ने का कार्यक्रम भी है। ऐसे आयोजनों से बच्चों का भावनात्मक विकास होता है। बच्चों को एक दूसरे को समझने का मौका मिलता है, व्यक्ति के अंतरनिहित क्षमता का विकास हेाता है। व्यक्तित्व विकास के माध्यम से व्यक्ति का सर्वांगीण विकास होता है। ऐसे आयोजनों से व्यक्ति को अपनी क्षमता के आकलन का अवसर भी प्राप्त होता है, जिससे वह एक स्वस्थ समाज के निर्माण में अपनी भूमिका तैयार कर सकता है।

डॉ. टेकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शिक्षा में गुणवत्ता के लिए अनेक प्रभावी कदम उठाए गए हैं, जिसे आम नागरिकों का भरपूर समर्थन प्राप्त है। यही कारण है कि आज समाज के सभी क्षेत्रों में आत्मानंद स्कूल खोलने की लगातार मांग की जा रही है और सरकार द्वारा इस क्षेत्र में सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।

कार्यक्रम में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रायपुर संभाग श्री के. कुमार, प्रणवानंद अकादमी के सचिव श्री शिवरूपानंद स्वामी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर श्री आर.एल. ठाकुर, श्री आर.एन बंजारा, सेजस के जिला नोडल अधिकारी श्री के.एस. पटले, सहायक नोडल अधिकारी श्री सत्यदेव वर्मा, सहायक संचालक श्री एम.मिंज, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी तिल्दा, सहायक जिला क्रीडा अधिकारी, प्रणवनंद अकादमी की प्राचार्य श्रीमती ए.घोष, निर्णायकगण सहित सभी संभागों के प्रतिभागी छात्र-छात्राएं और मार्गदर्शक शिक्षक उपस्थित थे।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours