केशकाल – बांह फैलाये सीने से लगाकर भावविभोर होकर अपने सहपाठी साथियों से मिलते हुये अपने स्कूल के सौ वर्ष पूर्व होने पर आयोजित शताब्दी एवं अलंकरंण समारोह में सहभागी बनने वाले केशकाल जनपद स्कूल के भुतपूर्व विद्यार्थी पूरे उत्साह पूर्वक दिन भर पूरे आयोजन मे भागीदार बनकर अंत में चलते चलते मेरे ये गीत याद रखना – कभी अलविदा न कहना कभी अलविदा न कहना का गीत गुनगुनाते फिर मिलते रहने का वादा करते बिदा हुये ।
देश आजादी के पहले वाले संचालित शासकीय जनपद स्कूल केशकाल में 22/12/2022 को स्कूल के स्थापना 100 साल पुरे होने पर पुराने मित्रगणों के साथ स्कूल में पहुंचकर अपनी पुरानी यादे ताजा की 1922 को प्रारंभ हुये जनपद प्राथमिक स्कूल का वर्ष 2022 में सौ वर्ष पूर्णं होने पर इस स्कूल के पूर्व विद्यार्थी रहे एवं वर्तमान में नगर पंचायत केशकाल के अध्यक्ष पद पर आसीन रोशन जमीर के द्वारा आयोजित किये गये आयोजन में बहुत बडी संख्या में पूर्व विद्यार्थी बडे उत्साह से दूर दूर से पधारकर आयोजित आयोजन को गरीमामय बनाते आयोजन के मुख्य उद्देश्य को सफल सार्थक बनाया । शाला के पूर्व सेवानिवृत्त वयोवृद्ध शिक्षक पदियाराम , कैलाश देवांगन के आतिथ्य में आरंभ हुये कार्यक्रम में विधायक संतराम नेताम एवं शाला मे 1937 में कक्षा
पहली पढने वाले 90वर्ष के वयोवृद्ध असद अली , लगभग 75 वर्ष के प्रतिष्ठित ठेकेदार कानमल जैन तथा शाला के विद्यार्थी रह चुके पूर्व विधायक संतोष बाफना,पूर्व विधायक कृष्णकुमार ध्रुव शाला के प्रतिभाशाली विद्यार्थी रहे रायपुर में रहने वाले प्रोफेसर प्रदीप अग्निहोत्री ,प्रतिष्ठित उद्योगपति सुरेश बागमार , हेमंत सोनी , प्रतिष्ठित व्यवसायी मानिकचंद जैन , पदम बागमार,हनीफ खेमांणी,करीम मेमन , पवन तातेड ,सलीम मेमन प्रतिष्ठित ठेकेदार अरसद अली शासकिय सेवा में उच्च पद पर पदस्थ रह चुके दिनेश शर्मा वर्तमान समय मे एस डी एम के पद पर पदस्थ सोनित मेरिया, सी.एम.ओ. पवन मेरिया सहित सैकडों सैकडों की संख्या में पूर्व विद्यार्थी बडे उत्साह शामिल हुये ।
शाला के सौ वर्ष पूर्ण होने पर केक काटकर पूर्व विद्यार्थियों ने बडे हर्षोल्लास के सांथ शाला का जन्म दिन भी मनाया। अंत मे नगर पंचायत अध्यक्ष रोशन जमीर एवं पूर्व विद्यार्थी सगीर अहमद कुरैशी , विनोद अग्रवाल ,राजू राठी ने आयोजन में सहभागी बने पूर्व विद्यार्थियों
को शाल श्रीफल देकर अलंकरंण स्मृति चिन्ह भेंट कर धन्यवाद व्यक्त किया।
आयोजन की सभी ने मुक्त कंठ से प्रशंसा करते ऐतिहासीक स्कूल के गरीमा को बनाये रखते स्कूल को सर्वसुविधायुक्त बनाकर फिर से उन्नत करने की आवश्यकता पर बल दिया ।
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