छत्तीसगढ़ में कई व्यापारियों के ठिकानों पर आयकर के छापे

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रायपुर. छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग ने बुधवार को कई कारोबारियों से जुड़े ठिकानों पर छापे की कार्रवाई शुरू की है. पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी है. अधिकारियों के मुताबिक रायपुर और रायगढ़ समेत विभिन्न जिलों में आज सुबह से आयकर विभाग की तलाशी जारी है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय पुलिस बल की सहायता से आयकर विभाग के दल ने इस्पात और कोयले के व्यापार से जुड़े व्यापारियों और सिविल ठेकेदारों के कार्यालय में छापेमारी की.

उन्होंने बताया कि आयकर विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई के संबंध मे अधिक जानकारी नहीं मिली है. राज्य में आयकर विभाग के छापे के संबंध में पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विमानतल पर संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने पहले ही कहा था कि राज्य में जल्द ही आय कर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा छापे मारे जाएंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने पहले ही बता दिया है (छापे होंगे)… अब ईडी भी उनका अनुसरण करेगा.‘‘ पिछले सप्ताह बघेल ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा था कि उनके करीबियों ने उन्हें सूचित किया है कि राज्य में जल्द ही ईडी और आयकर विभाग द्वारा छापेमारी की जाएगी. उन्होंने कहा था कि पड़ोसी राज्य झारखंड के सत्ताधारी संप्रग गठबंधन के विधायक राजधानी रायपुर में रह रहे हैं इसलिए ईडी और आयकर विभाग द्वारा छापे की कार्रवाई होगी.

झारखंड में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने राज्य में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच पिछले सप्ताह मंगलवार को अपने 32 विधायकों को रायपुर भेज दिया था. विधायक नवा रायपुर के रिसॉर्ट में ठहरे हुए हैं. राज्य में आयकर विभाग के छापों को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, ‘‘ऐसी खबर है कि कुछ व्यापारियों के यहा आयकर के छापे पड़े है. मोदी सरकार ने पिछले आठ सालों में केंद्रीय एजेंसियों का इतना दुरुपयोग किया है कि अब तो नियमित जांच में आयकर, ईडी के छापे पड़ते है तो उसके राजनैतिक मंतव्य निकाले जाते हैं.’’

शुक्ला ने कहा, ‘‘लोगों की जुबान में नारा चल रहा केंद्र सरकार के तीन जमाई ईडी, आईटी, सीबीआई.’’ इस वर्ष जून-जुलाई माह में, आईटी विभाग ने कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में एक कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी के परिसरों और मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में तैनात एक सरकारी अधिकारी के घर समेत कई जगहों पर छापे की कार्रवाई की थी. छापेमारी के बाद तिवारी ने दावा किया था कि आईटी विभाग के अधिकारियों ने उनसे कहा था कि अगर वह छत्तीसगढ़ सरकार को गिराने के लिए सत्ताधारी कांग्रेस विधायकों के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल करते हैं तो वह मुख्यमंत्री बन सकते हैं.

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