रायपुर. राज्यपाल अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रदेश के उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया और शिक्षक दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी. सम्मान समारोह का शुभारंभ मां सरस्वती और डॉ. सर्वपल्ली राधा कृष्णन के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर किया गया. इस दौरान प्रदेश के महान साहित्यकारों के नाम पर 04 शिक्षकों को स्मृति पुरस्कार और 56 शिक्षकों को राज्य शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया.
राज्यपाल उइके ने सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए सम्मानित शिक्षकों सहित प्रदेश के शिक्षकों व विद्यार्थियों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी. उन्होंने राज्य शासन द्वारा स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे उल्लेखनीय प्रयासों की सराहना की. राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के खुलने से शहरों से लेकर दूरस्थ अंचलों के विद्यार्थियों के अंग्रेजी में पढ़ने का सपना पूरा हो रहा है. नक्सली क्षेत्रों में बंद स्कूलों को प्रारंभ करवाने तथा बालवाड़ी का प्रारंभ शिक्षा की दिशा और दशा बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. राज्यपाल ने कहा कि कोविड काल के दौरान मृत शिक्षकों के परिजनों को शीघ्र अनुकंपा नियुक्ति देकर मानवीय दृष्टि से महत्वपूर्ण पहल की है. साथ ही विद्यालयों के रंगरोगन और जीर्णोद्धार के लिए 500 करोड़ की राशि आबंटित करने की भी सराहना की.
राज्यपाल ने कहा कि बच्चे हमारे देश के कर्णधार हैं, उनकी मौलिकता, कल्पनाशीलता देश की अनमोल संपदा है और उनके जीवन को गढ़ने का महत्वपूर्ण दायित्व शिक्षकों का है. शिक्षकों का यह कर्तव्य है कि वे विद्यार्थियों में उच्च आदर्शों एवं नैतिक मूल्यों को रोपित करने के साथ ही उनमेें देशभक्ति एवं एकता की भावना बढ़ाएं. हमें उन्हें योग्य, प्रशिक्षित एवं कुशल नागरिक बनाना है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों से अनुरोध है कि वे अपने विद्यार्थियों के मन में भारतीय सांस्कृतिक विरासतों के समृद्ध तत्वों का संचार करें तथा भारतीय संविधान, लोकतंत्र, सर्वधर्म समभाव, राष्ट्रीय एकता तथा अखण्डता के प्रति दृढ़ आस्था एवं विश्वास बढ़ायें. वे ऐसे प्रयास करें जिससे बच्चों में न केवल अनुशासन बढ़े, बल्कि उन्हें खुद को जानने और समझने में मदद मिले और वे भावी चुनौतियों का सामना करने में खुद को सक्षम और समर्थ बना सके.
राज्यपाल उइके ने कहा कि मानव संसाधन का विकास हमारी सबसे पहली जरूरत है और यह विकास, शिक्षा से ही संभव है. मानव संसाधन के विकास से अन्य संसाधनों का विकास आसानी से किया जा सकता है. इसके अभाव में बहुमूल्य संसाधन अनुपयोगी होकर नष्ट हो जायेंगे.
उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान कई ऐसी घटनाएं हुईं जिसके कारण अनेकों विद्यार्थियों को स्कूल तक छोड़ना पड़ा और भी कई विपरीत परिस्थितियां निर्मित हुई. बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ मानसिक और भावनात्मक क्षति भी हुई, जिसे दूर करने के लिए हमें और प्रभावी कदम उठाने होंगे. राज्यपाल ने कहा कि हमारे देश में गुरूओं को पूजने की यशस्वी परंपरा रही है और मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह परम्परा और अधिक सशक्त होती जाएगी.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मानित सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि शिक्षकों ने समाज के प्रति अपना दायित्व निभाते हुए कोविड के चुनौती भरे समय में भी विद्यार्थियों को शिक्षा से वंचित नहीं होने दिया. अनेकों नवाचारों के माध्यम से शिक्षा अनवरत जारी रही और प्रधानमंत्री जी ने भी जशपुर के शिक्षक का मन की बात कार्यक्रम में उल्लेख किया और उनकी प्रशंसा भी की.
इसी प्रकार छत्तीसगढ़ के शिक्षा में नवाचार को नीति आयोग ने भी सराहा. मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता तथा उसके विस्तार के लिए शासन ने हर वो पहल की है, जिसकी जरूरत महसूस की जा रही थी. सुकमा से लेकर बलरामपुर तक स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम के और स्कूलों को खोलने की मांग की जा रही है. हमने 279 अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले हैं तथा और स्कूल खोले जाएंगे. शिक्षा उन्नयन के प्रयासों में स्कूलों के जीर्णोद्धार के लिए 500 करोड़ की राशि स्वीकृत की है तथा बच्चों के लिए बालवाड़ी भी खोले जा रहे हैं. साथ ही छत्तीसगढ़ी सहित प्रदेश की विभिन्न स्थानीय बोलियों में एक दिन कार्य का संचालन भी किया जायेगा.
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. इस अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार खलखो, सचिव स्कूल शिक्षा एस. भारतीदासन, राज्यपाल के विधिक सलाहकार राजेश श्रीवास्तव, संचालक स्कूल शिक्षा सुनील कुमार जैन, राज्यपाल के उप सचिव दीपक कुमार अग्रवाल सहित राजभवन व शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी सहित शिक्षकगण उपस्थित थे.
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