भारतीय व्यापार सेवा (आईटीएस) अधिकारियों के सम्मेलन “मंथन 1.0” का केवड़िया में आयोजन

Estimated read time 1 min read

वाणिज्य सचिव ने आईटीएस अधिकारियों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार के विशिष्ट क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने का आग्रह किया

भारत से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्र और राज्यवार रणनीति पर सम्मेलन में हुआ विचार मंथन

नई दिल्ली (IMNB). भारतीय व्यापार सेवा अधिकारियों का पहला सम्मेलन “मंथन 1.0” गुजरात के केवड़िया में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन का आयोजन भविष्य की विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) पर विचार-मंथन करने और भारत से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रवार और राज्यवार निर्यात रणनीति तैयार करने के लिए किया गया था। अधिकारियों ने एफ़टीपी योजनाओं को और अधिक कुशल बनाने और किसी भी कार्यान्वयन के मुद्दों का समाधान निकालने के तरीकों पर भी चर्चा की। सम्मेलन में भारतीय व्यापार सेवा के 75 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया।

वाणिज्य सचिव श्री सुनील बर्थवाल ने प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के विचार-मंथन सत्र नियमित रूप से आयोजित किए जाने चाहिए। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के विशिष्ट क्षेत्र में विशेषज्ञता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने किसी भी विभाग के लिए संस्थागत स्मृति के महत्व को रेखांकित किया और व्यापार सेवा अधिकारियों से विशेषज्ञता और वाणिज्य विभाग के लिए अधिक प्रभावी संसाधन बनने का आग्रह किया। उन्होंने एफटीए वार्ता, उद्योग विचार-विमर्श और नीति निर्माण में कैडर की मजबूत भागीदारी की योजना पर भी प्रकाश डाला।

इससे पहले, विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) ने अधिकारियों से बात करते हुए एक अधिकारी के विकास के लिए निरंतर सीखने और परिश्रम के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने विशिष्ट बाजारों के उद्देश्य से क्षेत्रवार रणनीति तैयार करने के महत्व पर भी विचार-विमर्श किया। डीजीएफटी ने उभरते अंतर्राष्ट्रीय व्यापार परिदृश्य को समझने के लिए नवीनतम व्यापार विश्लेषण साधनों के उपयोग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि आने वाले वर्षों में क्षेत्र-वार और राज्य-वार निर्यात प्रोत्साहन रणनीतियों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि 2030 तक माल में 1 ट्रिलियन अमरीकी डालर का निर्यात और सेवाओं के निर्यात में 1 ट्रिलियन अमरीकी डालर का निर्यात किया जा सके।

भारतीय व्यापार सेवा के अधिकारियों को हाल ही में 10 क्षेत्र विशिष्ट समूहों में विभाजित किया गया है जो उद्योग के विशिष्ट क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिसमें माल, परियोजनाएं और सेवाएं शामिल हैं। विशेषज्ञ, उद्योगपतियों और निर्यात प्रोत्साहन परिषदों के सहयोग से क्षेत्र विशेष रणनीति विकसित करने के लिए दलों के रूप में काम कर रही हैं। इसके अलावा, आईटीएस अधिकारियों को राज्यों के लिए विशिष्ट निर्यात प्रोत्साहन रणनीतियों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने और उनसे जुड़ी बाधाओं और चुनौतियों को समझने के लिए विभिन्न राज्यों की भी जिम्मेदारी सौंपी गयी है। सम्मेलन में ऐसी ही एक टीम द्वारा फार्मा और रसायन क्षेत्रों पर एक क्षेत्रवार निर्यात प्रस्तुति दी गई।

वैश्विक व्यापार संवर्धन संगठन (जीटीपीओ) पर भी एक प्रस्तुति दी गई। बीसीजी कंसल्टेंसी की रिपोर्ट में जीटीपीओ वाणिज्य विभाग में सुधार के लिए एक प्रमुख सिफारिश की गई है। आईटीएस अधिकारियों ने जीटीपीओ प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया और सिफारिश को और बेहतर बनाने पर भी विचार प्रस्तुत किए। देश में भावी निर्यात प्रोत्साहन पहलों में महत्वपूर्ण जीटीपीओ के महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। प्रस्तावित निकाय को प्रमुख पदों पर आईटीएस अधिकारियों द्वारा संचालित किया जाएगा।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours