समूह की महिलाएं हो रही वित्तीय प्रबंधन में माहिर = गरीबी उन्मूलन की दिषा में बढ़ रहे कदम

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बीजापुर। महिलाएं अपने घर-परिवार की जिम्मेदारी बखूबी निभाती हैं। प्राय: देखने को मिलता है कि जिन घरो में वित्तीय प्रबंधन की जिम्मेदारी महिलाओं के हाथ में होती है, उन घरों में फिजूल खर्ची नहीं होती है। कठिन आर्थिक हालातों में भी महिलाओं ने अपने परिवार को समस्या से निजात दिलाकर अपने प्रबंधन क्षमता का लोहा मनवाया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत जिले में ग्राम गरीबी उन्मूलन योजना बनाई गई है समूह और संगठन स्तर पर प्रत्येक समूह की ग्रामीण महिलाओं को स्व सहायता समूह से जोड़कर उनका जीवन स्तर उठाने आजीविका मूलक गतिविधि से जोडऩा इसका प्रमुख उदेश्य है। जिला प्रशासन क्षेत्र में बैकिंग सेवा विस्तार एवं बैकिंग प्रणाली पर ग्रामीणों की जागरूकता हेतु लगातार प्रयास कर रही है। इसके साकारात्मक परिणाम वर्तमान में जमीनी स्तर पर देखने को मिल रहे हैं। एक ओर जहां बीसी सखी के माध्यम से 66 ग्राम पंचायतों में एयरटेल पेमेंट बैंक और बीसी सखी के माध्यम से बैंकिग सेवा पहुंचाई जा रही है] वहीं स्व सहायता समूह की महिलाएं बैंक लिंकेज व लोन लेकर आजीविकामूलक गतिविधि से जुड़कर वित्तीय प्रबंधन में माहिर हो रही हैं। स्व सहायता समूह की महिलाएं बैंक लिंकेज कर मंगलवार को मद्देड़ कलस्टर के ग्राम पंचायत वंगापल्ली के सरस्वती स्व सहायता समूह की महिलाओं को आजीविका गतिवधि हेतु 1 लाख रूपये नया ऋण निकासी किया गया। बुधवार को गंगालूर कलस्टर की ग्राम पंचायत गंगालूर की  ईशा स्व सहायता समूह को धान खरीदी हेतु 1 लाख  रूपये वहीं मिस्टी स्व सहायता समूह को कपड़ा दुकान व फैंसी स्टोर हेतु 1 लाख रूपये प्राप्त हुए हैं।

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