स्काईवाक में अनियमितता जांच चार वर्ष पूर्व ही ई.ओ.डब्ल्यू. से करवाना चाहिए था : रिजवी

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रायपुर। दिनांक 29/12/2022। मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ए.सी.बी. व ई.ओ.डब्ल्यू. को स्काईवाक की गंभीर अनियमितता की जांच करवाए जाने का स्वागत करते हुए कहा है कि इसके लिए देर आयद दुरूस्त आयद की कहावत चरितार्थ की गई है। यदि यह जांच कांग्रेस की सत्ता प्रदेश में बनते ही अगर चार वर्ष पूर्व ही करवा ली गई होती तो स्काईवाक की अनियमितता का फैसला अब तक आ चुका होता तथा स्काईवाक अनियमितता के दोषियों का पर्दाफाश हो चुका होता, साथ ही दोषियों को अपने अपराधिक कृत्य की सजा की घोषणा भी हो चुकी होती। अनुपयुक्त स्काईवाक में प्रदेश की जनता के पैसों का दुरूपयोग स्पष्ट परिलक्षित होता है। ए.सी.बी. एवं ई.ओ.डब्ल्यू. को इस जांच के लिए समयबद्ध निश्चित समयावधि में इस अनियमितता की जांच करने हेतु निर्देशित किया जाना चाहिए।

            रिजवी ने कहा है कि भाजपा शासन काल के 15 वर्षों में ऐसी कई अनुपयोगी योजनाओं पर छत्तीसगढ़ की जनता का करोड़ो-अरबों रूपए खर्च कर भारी मात्रा में कमीशनखोरी की गई। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव अगले वर्ष 2023 में होना है इसलिए स्काईवाक जांच का फैसला एक वर्ष के भीतर आ जाना चाहिए। युद्धस्तर पर इस जांच की तफतीश होना चाहिए। इसके साथ भाजपा शासनकाल की ऐसी अनुपयोगी योजनाओं की जांच भी ए.सी.बी. से करवाने हेतु तत्काल कदम उठाना चाहिए। छत्तीसगढ़ एवं छत्तीसगढ़िया को ठगने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाना चाहिए। इस अनियमितता में संलिप्त दोषियों के नाम उजागर किया जाना आवश्यक है।

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