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ब्यूरो: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की भीषण तबाही के बाद अब वहां जीका वायरस का खतरा मंडरा रहा है. पुणे में जीका वायरस (Zika Virus) का पहला मामला आ चुका है. जिसके बाद से ही प्रशासन अलर्ट है. इधर, जिला प्रशासन ने 75 से ज्यादा गांवों में जीका वायरस फैलने की अशंका जाहिर की है. हालांकि, प्रशासन ने इससे निपटने की पूरी तैयारी भी कर ली है. फिर भी केरल में जीका वायरस से मची तबाही को देखते हुए प्रशासन कोई भी रिस्क लेने के पक्ष में नहीं हैं.
गौरतलब है कि, अगस्त महीने की शुरूआत में ही महाराष्ट्र में जीका वायरस की दस्तक हो गई थी. पुणे में जीका वायरस का पहला मामला बेलसर गांव में रहने वाली 50 साल की एक महिला में मिला था.
हालांकि, प्रशासन ने इससे निपटने की पूरी तैयारी भी कर ली है. फिर भी केरल में जीका वायरस से मची तबाही को देखते हुए प्रशासन कोई भी रिस्क लेने के पक्ष में नहीं हैं.
केरल में है सबसे ज्यादा प्रकोप: जीका वायरस का सबसे ज्यादा प्रकोप केरल में है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अबतक प्रदेश में जीका वायरस के 60 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. प्रशासन जीका वायरस को लेकर अर्लट मोड पर है. बीते सप्ताह यहां जीका वायरस के दो और मामले सामने आये थे. इससे राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या में भी इजाफा हो गया है.
कैसे फैलता है जीका वायरस: जीका वायरस मच्छर की एडीस प्रजाति से फैलता है यहीं प्रजाति डेंगू और चिकनगुनिया के लिए भी जिम्मेदार होती है. यह वायरस शरीर में मौजूद सलाइवा और सीमेन जैसे तरल पदार्थ के आदान-प्रदान से संक्रामक हो जाता है. इसके अलावा यह खून में भी पाया जा सकता है. जो रक्तदान के दौरान एक से दूसरे शरीर में फैल सकता है.
क्या हैं जीका वायरस के लक्षण: आम तौर पर जीका वायरस के लक्षण डेंगू के जैसे ही होते है. इसके खास लक्षण बुखार और शरीर में चिकत्ते पड़ जाना है. इसके इलावा जीका वायरस से संक्रमितों में कॉंजक्टिवेटाइटिस, शरीर खास कर जोड़ों में तेज दर्द, थकावट आदि भी इसके लक्षण है.
बचाव के उपाए: जीका वायरस मच्छरों से फैसला है. इसलिए इससे बचने के लिए आसपास के इलाकों की साफ सफाई करें. मच्छर को घर के अंदर या बाहर न पनपने दें. इसके बाद भी अगर किसी को बुखार या चिकत्ते, जोड़ों में तेज दर्द की शिकायत है या से लक्षण किसी में दिखाए दे रहे हैं तो तत्काल अस्पताल में इलाज कराना शुरू कर दें