दोस्त के बेसहारा हुए परिवार का बने सहारा
गोड्डा (झारखंड):बचपन के एक दोस्त की एक्सीडेंट में निधन हो जाने के बाद 40 दोस्तों ने मिलजुलकर उनके दोस्त के बेसहारा हुए परिवार को आर्थिक सहायता पहुंचाई जिससे उस परिवार को बहुत बड़ा सहारा मिला।और दोस्तों द्वारा अपने मृत हुए दोस्त के परिवार के प्रति समर्पण और जिम्मेदारी ने आज के इस युग में नई मिसाल कायम कर दी।
अनुकरणीय पहल:
40 दोस्तों ने मिलकर सबसे पहले बेसहारा हुए परिवार के गुजर बसर को ध्यान में रखकर जमा किये गए पैसों में से 7 लाख रुपए खर्च कर उनका घर बनवाया. वीरेंद्र किराए के मकान में रहता था. पहले हमने उसकी खाली पड़ी जमीन पर घर बनवाने के लिए पैसों का इंतजाम किया. इसके बाद किसी दोस्त ने सीमेंट तो किसी ने ईंट का प्रबंध किया. कुछ दोस्तों ने घर बनाने में खुद सिर पर ईंट और सीमेंट ढोकर मजदूरी भी की. इसके बाद भी वे नही रुके और हर महीने बेसहारा हुए परिवार के गुजर बसर के लिए 15 हजार रुपए की इंजाम किया।
वीरेंद्र भी था यारों का यार: यारों की यारी वीरेंद्र ने भी खूब निभाई थी,वह पेशे से फोटो और वीडियोग्राफर था. विगत 2 वर्ष पूर्व को हाइवा से धक्का लगने पर उनकी मौत हो गई थी.इसके बाद मां किरण देवी, पत्नी ऐश्वर्या औत तीन साल के बेटे आरंभ को सहारा देने वाला कोई नहीं था. इस परिवार के लिए वीरेंद्र के दोस्तों ने मिलकर हर तरह की सहायता करने की ठान ली और अपने इस कोशिश में वे कामयाब ही नहीं हुए बल्कि दोस्ती की नई मिसाल भी पेश की है।
वीरेंद्र के बचपन के दोस्त कौस्तुभ कुमार, पवन कुमार सुमन कुमा, तन्नु, केडी, रोशन कुमार, दिवाकर कुमार, रघु कुमार, रोशन कुमार, राहुल कुमार, बहादुर, फरहान खान, मालिक सिन्हा, दिव्य कुमार समेत कई अन्य दोस्तों ने मिलकर उनके परिवार की जिम्मदारी ली.