नई दिल्ली. कोरोना (Corona) संकट के बीच इस महीने के अंत में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को लेकर यूपी सरकार (UP Government) की ओर से दी गई मंजूरी पर अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सख्त रुख अपना लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है. जस्टिस आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कांवड़ यात्रा की अनुमति देने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर स्वत: संज्ञान लिया है और यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है. इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी.
जस्टिस आर.एफ. नरीमन ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कोरोन महामारी के इस दौर में हमने परेशान करने वाली खबर सुनी है. जानकारी मिली है कि यूपी सरकार कांवड़ यात्रा को मंजूरी दे रही है, जबकि उत्तराखंड सरकार ने इस पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. मामले की सुनवाई करते हुए बेंच ने कहा, एक तरफ तो केंद्र सरकार कोरोना से निपटने के लिए सख्ती की जरूरत बताई है, वहीं यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा को मंजूरी दे दी है. शीर्ष अदालत ने यूपी, उत्तराखंड और केंद्र सरकार से इस मामले पर शुक्रवार सुबह तक जवाब देने का कहा है. कोर्ट ने कहा कि 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा की शुरुआत होगी ऐसे में इससे पहले मामले की सुनवाई होना जरूरी है.
बता दें महीने के अंत में शुरू होने वाले कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी में कुछ शर्तों के साथ यात्रा को इजाजत दे दी गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवश्यकता के अनुसार आरटी-पीसीआर की नेगेटिव जांच रिपोर्ट की अनिवार्यता को भी लागू किए जाने का निर्देश दिया है. बता दें कि कोरोना की स्थिति को लेकर मंगलवार को यूपी के मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक की थी. इस बैठक के बाद बताया गया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश के मुताबिक पारंपरिक कांवड़ यात्रा कोविड प्रोटोकॉल के साथ की जा सकेगी.
कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए कहा गया है कि कांवड़ संघों से इस मुद्दे पर बात की जाए और न्यूनतम लोगों को ही कांवड़ यात्रा में शामिल होने के लिए कहा जाए. इसके साथ ही अन्य राज्यों जैसे दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड से आने वाले कांवड़ भक्तों के लिए यात्रा से जुड़ी गाइड लाइन जारी की जाए. आवश्यक हो तो आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट को अनिवार्य रूप से लागू किया जाए.