प्रधानमंत्री ने मेघालय के शिलांग में 2450 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण किया

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प्रधानमंत्री ने मेघालय के शिलांग में 2450 करोड़ रुपये से अधिक की
“सरकार ने पिछले 8 वर्षों में नॉर्थ ईस्ट के विकास से जुड़ी अनेक रुकावटों को रेड कार्ड दिखाया है”

“वह दिन दूर नहीं जब भारत भी ऐसा वर्ल्ड कप टूर्नामेंट आयोजित करेगा और हर भारतीय भी हमारी टीम का स्वागत करेगा”

“विकास सिर्फ बजट, टेंडर, शिलान्यास, उद्घाटन तक सीमित नहीं है”

“आज हम जो परिवर्तन देख रहे हैं, वह हमारे इरादों, संकल्पों, प्राथमिकताओं और हमारी कार्य संस्कृति में बदलाव का परिणाम है”

“केंद्र सरकार इस साल सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर पर 7 लाख करोड़ रुपए खर्च कर रही है, जबकि 8 साल पहले यह खर्च 2 लाख करोड़ रुपए से भी कम था”

“पीएम-डिवाइन के तहत अगले 3-4 साल के लिए 6,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है”

“आदिवासी समाज की परंपरा, भाषा और संस्कृति को बनाए रखते हुए जनजातीय क्षेत्रों का विकास सरकार की प्राथमिकता”

“लंबे समय तक जिन दलों की सरकारें रहीं, उनकी नॉर्थ ईस्ट के लिए ‘डिवाइड’ की सोच थी और हम ‘डिवाइन’ का इरादा लेकर आए हैं”

नई दिल्ली (IMNB) 
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मेघालय के शिलांग में 2450 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं काशिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण किया। इससे पहले दिनमें, प्रधानमंत्री शिलांग में स्टेट कन्वेंशन सेंटर में पूर्वोत्तरपरिषद की बैठक में उपस्थित हुए और इसके स्वर्ण जयंतीसमारोह में भाग लिया।

कई परियोजनाओं में 320 पूर्ण और 890 निर्माणाधीन 4जीमोबाइल टावरों का उद्घाटन, उमसावली में आईआईएमशिलांग का नया परिसर, नए शिलांग सैटेलाइट टाउनशिप कोबेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए शिलांग-दींगपसोहरोड और तीन राज्यों- मेघालय, मणिपुर और अरुणाचलप्रदेश के लिए चार अन्य सड़क परियोजनाएं शामिल हैं।प्रधानमंत्री ने मेघालय में मशरूम विकास केंद्र और एकीकृतमधुमक्खी पालन विकास केंद्र में स्पॉन प्रयोगशाला औरमिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा और असम में 21 हिंदीपुस्तकालयों का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा राज्यों में छह सड़कपरियोजनाओं की आधारशिला रखी। उन्होंने तुरा औरशिलांग टेक्नोलॉजी पार्क फेज-2 में इंटीग्रेटेड हॉस्पिटैलिटीएंड कन्वेंशन सेंटर की आधारशिला भी रखी।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि मेघालयएक ऐसा राज्य है जो प्रकृति और संस्कृति में समृद्ध है औरयह समृद्धि लोगों की गर्मजोशी और स्वागत करने वालेस्वभाव से परिलक्षित होती है। उन्होंने मेघालय के नागरिकोंको राज्य में और भी अधिक विकास के लिए कनेक्टिविटी, शिक्षा, कौशल और रोजगार से लेकर कई आगामी और नईउद्घाटन की गई परियोजनाओं के लिए बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने इस संयोग की ओर सबका ध्यान आकर्षितकिया कि जिस समय फुटबॉल विश्व कप चल रहा है उससमय आज का सार्वजनिक समारोह फुटबॉल के मैदान में होरहा है। उन्होंने कहा, “एक तरफ, फुटबॉल प्रतियोगिता चलरही है, जबकि हम फुटबॉल के मैदान में विकास कीप्रतियोगिता का नेतृत्व कर रहे हैं। भले ही कतर में फुटबॉलविश्व कप हो रहा है, लेकिन यहां के लोगों का उत्साह कमनहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि फुटबॉल में अगर कोई खेलभावना के विरुद्ध काम करता है तो उसे रेड कार्ड दिखाकरबाहर कर दिया जाता है। इसी तरह पिछले 8 वर्षों में हमनेनॉर्थ ईस्ट के विकास से जुड़ी अनेक रुकावटों को रेड कार्डदिखाया है। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार, भेदभाव, भाई-भतीजावाद, हिंसा, प्रोजेक्ट को लटकाना-भटकाना, वोट बैंककी राजनीति को बाहर करने के लिए हम ईमानदारी से प्रयासकर रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही इस तरह कीबुराइयों की जड़ें बहुत गहरी हैं, हमें उनमें से हर एक कोखत्म करने की दिशा में काम करना होगा। उन्होंने कहा किसरकार के प्रयासों के सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं।

खेल विकास पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात परप्रकाश डाला कि स्पोर्ट्स को लेकर केंद्र सरकार आज एकनई अप्रोच के साथ आगे बढ़ रही है। इसका लाभ नॉर्थ ईस्टको हुआ है, नॉर्थ ईस्ट के युवाओं को हुआ है। देश की पहलीस्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी नॉर्थ ईस्ट में है। उन्होंने बताया कि भारतके पहले खेल विश्वविद्यालय के अलावा, पूर्वोत्तर क्षेत्रबहुउद्देश्यीय हॉल, फुटबॉल मैदान और एथलेटिक्स ट्रैक जैसीकई बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित है। उन्होंने कहा किऐसी नब्बे परियोजनाओं पर काम चल रहा है। प्रधानमंत्री नेआश्वासन के साथ कहा कि भले ही हम कतर में फुटबॉलविश्व कप में खेलने वाली अंतरराष्ट्रीय टीमों को देख रहे हैं, लेकिन उन्हें युवाओं की शक्ति में दृढ़ विश्वास है और उन्होंनेयह भी कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत ऐसा वर्ल्ड कपटूर्नामेंट आयोजित करेगा और हर भारतीय इसमें हिस्सा लेनेवाली हमारी टीम के लिए चीयर भी करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, “विकास सिर्फ बजट, टेंडर, शिलान्यासऔर उद्घाटन तक सीमित नहीं है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि यहतो साल 2014 से पहले भी होते थे। फीते कटते थे, नेतामालाएं पहनते थे, नारे लगते थे। उन्होंने सवाल करते हुएकहा कि फिर आज कौन-से बदलाव हुए हैं? प्रधानमंत्री नेअपने उत्तर में कहा, “आज हम जो परिवर्तन देख रहे हैं, वहबदलाव इरादे में आया है, बदलाव संकल्पों में आया है, बदलाव प्राथमिकताओं में आया है, बदलाव कार्य-संस्कृति मेंआया है, बदलाव प्रक्रिया और परिणाम में आया है।”प्रधानमंत्री ने विस्तार से बताया, “हमारा संकल्प आधुनिकबुनियादी ढांचे, आधुनिक कनेक्टिविटी के साथ एक विकसितभारत का निर्माण करना है। सबका प्रयास के माध्यम सेभारत के हर क्षेत्र और तबके को तेजी से विकास के उद्देश्य सेजोड़ने का इरादा है। हमारी प्राथमिकता अभावों को दूरकरना, दूरियों को कम करना, क्षमता निर्माण में संलग्न होनाऔर युवाओं को अधिक अवसर देना है। और हमारी कार्य-संस्कृति में बदलाव यह दर्शाता है कि हर परियोजना औरकार्यक्रम समय-सीमा के भीतर पूरा हो।” प्रधानमंत्री ने बतायाकि केंद्र सरकार इस साल सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर पर 7 लाखकरोड़ रुपये खर्च कर रही है, जबकि 8 साल पहले यह खर्च 2 लाख करोड़ रुपये से भी कम था। उन्होंने यह भी बतायाकि जब बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने की बात आती है तोराज्य आपस में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।

पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचे के विकास का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने शिलांग सहित पूर्वोत्तर की सभी राजधानियों कोरेल सेवा से जोड़ने के लिए तेजी से हो रहे काम और 2014 से पहले साप्ताहिक उड़ानों की संख्या 900 में वृद्धि के बादअब 1900 तक पहुंचने के बारे में बताया। प्रधानमंत्री नेबताया कि उड़ान योजना के तहत मेघालय में 16 मार्गों परउड़ानें हैं और इसका परिणाम मेघालय के लोगों के लिए सस्तेहवाई किराए हैं। मेघालय और पूर्वोत्तर के किसानों को होनेवाले लाभों के बारे में चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कियहां उगाए जाने वाले फल और सब्जियां कृषि उड़ान योजनाके माध्यम से देश और विदेश के बाजारों में आसानी सेउपलब्ध हैं।

प्रधानमंत्री ने आज उद्घाटन की गई कनेक्टिविटीपरियोजनाओं की ओर सबका ध्यान आकर्षित किया औरबताया कि मेघालय में राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण पर पिछले 8 वर्षों में 5 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उन्होंने कहाकि पिछले 8 वर्षों में मेघालय में प्रधानमंत्री सड़क योजना केतहत जितनी संख्या में ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गयाहै, वे पिछले 20 वर्षों में निर्मित सड़क की तुलना में सात गुनाअधिक है।

पूर्वोत्तर के युवाओं के लिए बढ़ती डिजिटल कनेक्टिविटी केबारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 कीतुलना में पूर्वोत्तर में ऑप्टिकल फाइबर कवरेज 4 गुना औरमेघालय में 5 गुना बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के हरहिस्से में मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए 5000 करोड़रुपये की लागत से 6 हजार मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं।प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “यह बुनियादी ढांचा मेघालयके युवाओं को नए अवसर देगा।” शिक्षा के बुनियादी ढांचे केबारे में, प्रधानमंत्री ने कहा कि आईआईएम और प्रौद्योगिकीपार्क द्वारा उपलब्ध शिक्षा से इस क्षेत्र में कमाई के अवसरबढ़ेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्वोत्तर में 150 से अधिकएकलव्य विद्यालयों का निर्माण हो रहा है, जिनमें से 39 मेघालय में हैं।

प्रधानमंत्री ने पर्वतमाला योजना का उदाहरण दिया जो रोपवेका नेटवर्क बना रही है और पीएम डिवाइन योजना जो बड़ीविकास परियोजनाओं की आसान स्वीकृति सुनिश्चित करकेपूर्वोत्तर के विकास को एक नई गति देने वाली है। उन्होंनेकहा, “पीएम-डिवाइन के तहत अगले 3-4 साल के लिए 6,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय तक जिन दलों की सरकारेंरहीं, उनकी नॉर्थ ईस्ट के लिए ‘डिवाइड’ की सोच थी औरहमारी सरकार ‘डिवाइन’ का इरादा लेकर आई है। उन्होंनेकहा, “अलग-अलग समुदाय हो, या फिर अलग-अलग क्षेत्र, हम हर प्रकार के डिविजन को दूर कर रहे हैं। आज नॉर्थ ईस्टमें हम विवादों के बॉर्डर नहीं बल्कि विकास के कॉरीडोरबनाने पर बल दे रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 8 वर्षों मेंअनेक संगठनों ने हिंसा का रास्ता छोड़ा है, स्थायी शांति कीराह पकड़ी है। पूर्वोत्तर में एएफएसपीए की आवश्यकता केबारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों कीमदद से स्थितियों में लगातार सुधार हो रहा है, जबकि दशकोंसे चल रहे राज्यों के बीच सीमा विवाद सुलझाए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए नॉर्थ ईस्ट, हमारे बॉर्डरएरिया, आखरी छोर नहीं बल्कि सुरक्षा और समृद्धि के गेटवेहैं। राष्ट्र की सुरक्षा भी यहीं से सुनिश्चित होती है और दूसरेदेशों से व्यापार कारोबार भी यहीं से होता है। प्रधानमंत्री नेजीवंत ग्राम योजना के बारे में विस्तार से बताया, जिसकेतहत सीमावर्ती गांवों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा रहीहैं। प्रधानमंत्री ने दुख जताते हुए कहा कि लंबे समय तक देशमें यह सोच रही है कि बॉर्डर एरिया में विकास होगा, कनेक्टिविटी बढ़ेगी तो दुश्मन को फायदा होगा। पहले कीसरकार की इसी सोच के कारण नॉर्थ ईस्ट समेत देश के सभीसीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी व्यवस्था नहीं हो पाई।प्रधानमंत्री ने कहा, “लेकिन आज डंके की चोट पर बॉर्डर कीनई सड़कें, नई टनल, नए पुल, नई रेल लाइन, नए एयरस्ट्रिपबनाने का काम तेजी से चल रहा है। जो सीमावर्ती गांव कभीवीरान हुआ करते थे, हम उन्हें वाइब्रेंट बनाने में जुटे हैं। हमारेशहरों के लिए जिस रफ्तार की जरूरत है, वह हमारी सीमाके लिए भी जरूरी है।”

प्रधानमंत्री ने परम पावन पोप के साथ अपनी मुलाकात कोयाद करते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने आज मानवता केसामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की और उनसे निपटनेके लिए एक ठोस प्रयास के लिए आम सहमति पर पहुंचे।प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमें इस भावना को मजबूत करने कीजरूरत है।’

सरकार द्वारा अपनाई गई शांति और विकास की राजनीतिपर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका सबसेबड़ा लाभार्थी हमारा आदिवासी समाज है। आदिवासी समाजकी परंपरा, भाषा और संस्कृति को बनाए रखते हुएआदिवासी क्षेत्रों का विकास सरकार की प्राथमिकता है।प्रधानमंत्री ने बांस की कटाई पर लगे प्रतिबंध को खत्म करनेका उदाहरण देते हुए बताया कि इससे बांस से जुड़ेआदिवासी उत्पादों के निर्माण को प्रोत्साहन मिला। उन्होंनेकहा, “वनों से प्राप्त उत्पादों में मूल्यवर्धन के लिए पूर्वोत्तर में 850 वन धन केंद्र स्थापित किए गए हैं। उनके साथ कई स्वयंसहायता समूह जुड़े हुए हैं, जिनमें से कई हमारी माताओं-बहनों के हैं।”

श्री मोदी ने कहा कि घरों, पानी और बिजली जैसी सामाजिकबुनियादी सुविधाओं ने पूर्वोत्तर को व्यापक लाभ पहुंचाया है।पिछले कुछ वर्षों में 2 लाख नए परिवारों को बिजलीकनेक्शन मिला है। गरीबों के लिए 70 हजार से ज्यादा घरस्वीकृत किए गए और 3 लाख घरों को पाइप से पानी केकनेक्शन मिले। उन्होंने कहा, “हमारे आदिवासी परिवार इनयोजनाओं के सबसे बड़े लाभार्थी हैं।”

अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने क्षेत्र मेंनिरंतर तेज गति से विकास की कामना की और पूर्वोत्तर केविकास में लगाई जा रही सभी ऊर्जा के आधार के रूप मेंलोगों के आशीर्वाद का श्रेय दिया। उन्होंने आगामी क्रिसमसके लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।

मेघालय के राज्यपाल ब्रिगेडियर (डॉ.) बी. डी. मिश्रा (सेवानिवृत्त), मेघालय के मुख्यमंत्री श्री कोनराड के संगमा, केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री श्री जी. किशनरेड्डी, श्री किरेन रिजिजू और श्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीयराज्य मंत्री श्री बी. एल. वर्मा, मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन. बीरेन सिंह, मिजोरम के मुख्यमंत्री श्री जोरमथांगा, असम केमुख्यमंत्री श्री हिमंत बिस्वा सरमा, नगालैंड के मुख्यमंत्री श्रीनेफिउ रियो, सिक्किम के मुख्यमंत्री श्री प्रेम सिंह तमांग, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडू और त्रिपुरा केमुख्यमंत्री श्री माणिक साहा इस अवसर पर उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

इस क्षेत्र में दूरसंचार कनेक्टिविटी को और बढ़ावा देने वालेएक कदम के तहत प्रधानमंत्री ने 4जी मोबाइल टावर राष्ट्र कोसमर्पित किए, जिनमें से 320 से अधिक पूरे हो चुके हैं औरलगभग 890 निर्माणाधीन हैं। उन्होंने उमसावली मेंआईआईएम शिलांग के नए परिसर का उद्घाटन किया।प्रधानमंत्री ने नई शिलांग सैटेलाइट टाउनशिप और शिलांग मेंबेहतर कनेक्टिविटी की सुविधा के लिए शिलांग-देंगपसोहरोड का भी उद्घाटन किया। उन्होंने तीन राज्यों – मेघालय, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में बेहतर कनेक्टिविटी प्रदानकरने के उद्देश्य से चार अन्य सड़क परियोजनाओं का भीउद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री ने मशरूम के उत्पादन को बढ़ाने और किसानोंऔर उद्यमियों के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिएमेघालय में मशरूम विकास केंद्र में स्पॉन प्रयोगशाला काउद्घाटन किया। उन्होंने क्षमता निर्माण और प्रौद्योगिकी उन्नयनके माध्यम से मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों कीआजीविका में सुधार के लिए मेघालय में एकीकृत मधुमक्खीपालन विकास केंद्र का भी उद्घाटन किया। इसके बाद, उन्होंनेमिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा और असम में 21 हिंदीपुस्तकालयों का उद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री ने असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुराराज्यों में छह सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी।उन्होंने तुरा और शिलांग टेक्नोलॉजी पार्क फेज-2 में इंटीग्रेटेडहॉस्पिटैलिटी एंड कन्वेंशन सेंटर की आधारशिला भी रखी।टेक्नोलॉजी पार्क फेज-2 का बिल्ट-अप एरिया करीब 1.5 लाख वर्ग फुट होगा। यह पेशेवरों के लिए नए अवसर प्रदानकरेगा और इससे 3000 से अधिक रोजगार के अवसर तैयारहोने की संभावना है। इंटीग्रेटेड हॉस्पिटैलिटी एंड कन्वेंशनसेंटर में एक कन्वेंशन हब, गेस्ट रूम, फूड कोर्ट आदि होंगे।यह क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक विरासतको प्रदर्शित करने के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधा प्रदानकरेगा।

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