*किसान सभा का पाली ब्लॉक सम्मेलन संपन्न : मान सिंह कंवर अध्यक्ष, हेम सिंह मरकाम सचिव निर्वाचित, वनाधिकार के मुद्दे पर संघर्ष तेज करने का आह्वान*

Estimated read time 1 min read

 


पाली (कोरबा)। छत्तीसगढ़ किसान सभा का पाली ब्लॉक सम्मेलन उड़ता ग्राम में संपन्न हुआ। सम्मेलन में 15 सदस्यीय ब्लॉक समिति गठित की गई, जिसके अध्यक्ष मान सिंह कंवर और सचिव हेम सिंह मरकाम निर्वाचित किए गए। अन्य पदाधिकारी इस प्रकार है : उपाध्यक्ष – बसंत चौहान, सहसचिव – दिलहरण चौहान तथा कार्यकारिणी सदस्य – कान्हा अहीर, फूलबाई यादव, अनामिका कंवर, समार साय, संतराम, महेश, फूल सिंह, गुहा राम, घनश्याम।

यह जानकारी छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने एक विज्ञप्ति में दी। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में 15 गांवों के 95 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन की अध्यक्षता मान सिंह कंवर, हेम सिंह मरकाम, बसंत चौहान, अनामिका कंवर तथा संतराम के पांच सदस्यीय अध्यक्षमंडल ने किया। सम्मेलन में किसान सभा के राज्य अध्यक्ष संजय पराते तथा जिला सचिव प्रशांत झा भी विशेष रूप से उपस्थित थे।

किसान सभा जिला सचिव प्रशांत झा ने सम्मेलन का उदघाटन कहा कि वन भूमि पर कई पीढ़ियों से काबिज ग्रामीणों को पट्टा दिए जाने की मांग पर संघर्ष से पाली ब्लॉक में किसान सभा का काम शुरू हुआ है। इसके साथ ही अब मनरेगा, पेंशन और सोसाइटियों से जुड़ी समस्याओं पर भी संघर्ष विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन यह तभी संभव होगा, जब “हर गांव में किसान सभा, किसान सभा में हर किसान” के नारे पर अमल किया जाएगा।

सम्मेलन में उपस्थित प्रतिनिधियों ने क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चा की और आंदोलन के साथ ही एक वर्ष में पचास गांवों में संगठन निर्माण करने का लक्ष्य निर्धारित किया।

सम्मेलन का समापन करते हुए किसान सभा राज्य अध्यक्ष संजय पराते ने देशव्यापी किसान आंदोलन का विस्तारपूर्वक जिक्र किया, जिसके कारण मोदी सरकार को किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने के लिए बाध्य होना पड़ा, लेकिन आज भी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य पाने के लिए संघर्ष जारी है। उन्होंने कहा कि खेती-किसानी के मुद्दों पर संघर्ष करके ही किसान सभा किसानों के सच्चे, लड़ाकू और ईमानदार संगठन के रूप में सामने आ सकती है। नवम्बर माह में केरल के त्रिशूर में आयोजित होने वाले किसान सभा के 35वें राष्ट्रीय महाधिवेशन के महत्व के बारे में भी उन्होंने विस्तार से बताया।

सम्मेलन ने वनाधिकार पट्टा, आऊट सोर्सिंग कंपनियों मे प्रभावित गांव के बेरोजगारों को रोजगार, पेंशन, रोजगार गारंटी के तहत 200 दिन काम और मजदूरी बढ़ाने आदि मुद्दों को लेकर आंदोलन तेज करने और पाली ब्लॉक में किसान सभा के संगठन को मजबूत करने का संकल्प लिया है।

 

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours