अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए होंगे अलग-अलग विभाग

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रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के कल्याण एवं विकास के लिए अलग-अलग विभागों के गठन का फैसला किया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. बघेल ने बताया कि उनकी अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में फैसले किये गये .

बघेल ने बताया कि राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के कल्याण और विकास के लिए अलग-अलग विभागों के गठन का फैसला किया गया है. उन्होंने बताया कि इससे इन वर्गों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का अधिक सुव्यवस्थित तरीके से क्रियान्वयन हो सकेगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में ‘अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद’ तथा ‘अनुसूचित जाति सलाहकार परिषद’ का गठन किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद के गठन से इस वर्ग के लोगों के लिए कार्यक्रम के संचालन के लिए अनुशंसा और क्रियान्वयन में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए इस वर्ग के लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होगी.

मुख्मयंत्री ने बताया कि इसके साथ ही अनुसूचित जाति वर्ग के हित में तत्परता से कार्यवाही और उनसे संबंधित नीति विषयक मामलों में अनुशंसा के लिए अनुसूचित जाति सलाहकार परिषद के गठन का निर्णय किया गया है. उन्होंने बताया कि इस परिषद के गठन का उद्देश्य छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति वर्ग की बेहतरी और उनके जीवन स्तर में तेजी से सकारात्मक बदलाव लाना है तथा उन्हें शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है.

बघेल ने कहा कि दोनों ही परिषद में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष होंगे तथा संबंधित मंत्री उपाध्यक्ष होंगे . उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद 40 जबकि सदस्य होंगे जबकि अनुसूचित जाति सलाहकार परिषद में 20 सदस्य होंगे. उन्होंने बताया कि राज्य में अनुसूचित जनजाति से संबंधित विषय पर अनुशंसा के लिए छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति सलाहकार परिषद का गठन पूर्व में ही हो चुका है.

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